कातिलाना इश्क! ग्रेटर नोएडा में घर बुलाकर घोंटा प्रेमी का गला, लाश को तालाब में फेंका; 9 महीने बाद निकला कंकाल
Killer love
नोएडा। Killer love: ग्रेटर नोएडा की गौर सिटी सोसायटी में रहने वाले लोगों के कपड़े प्रेस करने वाले युवक रंजीत की हत्या(murder of ranjit) उसकी ही प्रेमिका नेहा ने अपने भाई, माता-पिता व मामा के साथ मिलकर की थी। जून 2022 में हुई हत्या का पर्दाफाश आठ महीने बाद फरवरी 2023 में हुआ है। हत्या करने का मुख्य कारण रंजीत द्वारा नेहा का वीडियो उसके भाई को भेज कर शादी का दबाव बनाना रहा। प्रेमिका के स्वजन युवक से शादी के लिए सहमत नहीं थे।
पुलिस ने मामले में शुरुआती जांच में यदि लापरवाही न बरती होती तो आठ महीने पहले ही घटना का पर्दाफाश हो जाता। जून में गायब हुए रंजीत की गुमशुदगी की रिपोर्ट(Ranjit's missing report) छह महीने बाद नवंबर में बिसरख कोतवाली में दर्ज हुई। यदि रिपोर्ट शुरू में ही दर्ज हो जाती तो पुलिस जांच में पहले पर्दाफाश हो जाता। 26 जनवरी 2023 में कंकॉल मिलने के बाद आरोपित फरवरी में पकड़े गए है।
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा विशाल पांडेय ने बताया कि रंजीत व नेहा की दोस्ती नौ साल पहले मिस कॉल से हुई थी। रंजीत ने नेहा के फोन पर मिस कॉल की थी। रंजीत को उसका नंबर सोसायटी की लिफ्ट में लिखा मिला था। दोनों में बातचीत शुरू हुई और दोनों प्रेमी-प्रेमिका बन गए। आठ माह पहले गाजियाबाद के बम्हेटा स्थित घर बुलाकर रंजीत को शादी के प्रस्ताव पर बात करने के लिए प्रेमिका ने कहा। उसके बाद कहानी पूरी तरह पलट गई।
घटना वाली रात क्या हुआ था? / What happened the night of the incident?
रंजीत की प्रेमिका ने घटना वाले दिन 13 जून को उसे फोन कर घर बुलाया। प्रेमिका व उसके स्वजन ने उसे प्यार से खाना खिलाया। कुछ देर बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। रामबाबू ने रंजीत के हाथ, मनीष ने पैर पकड़े, शुभम उर्फ शिवम ने गला दबाकर हत्या कर दी। प्रेमिका व उसकी मां बीना मौके पर मौजूद रहकर देखते रहे, कोई आस-पड़ोस का व्यक्ति घर पर न आ जाए।
शुभम और मनीष मोटरसाइकिल के बीच में रंजीत के शव को बैठी अवस्था में लेकर चिपियाना गांव गए। गांव के तालाब में शव फेंकने के बाद रात एक बजे गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर जाकर सिगरेट पी, फिर घर गए।
ऐसे हुई कंकाल की पहचान / This is how the skeleton was identified
रंजीत का कंकॉल के संबंध में लोगों ने सूचना पुलिस को दी। जिस तालाब में शव फेंका गया था, 26 जनवरी को उसका पानी कम किया जा रहा था, तभी वहां कंकॉल मिला। कंकॉल के साथ-साथ तालाब से कपड़े, जूते, बेल्ट, चाबी व पेंट मिली। जो चाबी मिली, उसको सहेज कर रखा गया। आस-पास के लोगों से बातचीत करने एक धोबी ने पुलिस को बताया कि कपड़ा प्रेस करने वाला रंजीत कई महीने से गायब है। पुलिस को यही से केस में लीड मिली।
रंजीत से जुड़े हर व्यक्ति से पूछताछ हुई तो पता चला कि आठ महीने पहले उसके मोबाइल पर अंतिम फोन प्रेमिका नेहा ने की थी। नेहा व स्वजन को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई। आरोपित पुलिस को लेकर उसी तालाब पर गए जहां युवक का कंकॉल मिला। तब केस का पर्दाफाश हुआ कि कंकॉल रंजीत का है।
यह आरोपित हुए गिरफ्तार / The accused were arrested
मामले में प्रेमिका नेहा, उसका भाई शुभम दूबे, मां बीना दूबे, पिता रामबाबू दूबे और मामा मनीष को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपित मूल रूप से बिहार के सुरसंड क्षेत्र के गांव शाहपुर के रहने वाले है। पिछले 15 सालों से आरोपित गाजियाबाद में बम्हेटा में रह रहे थे।
फोरेंसिक जांच का लिया जाएगा सहारा / Forensic investigation will be resorted to
मूल रूप से हरदोई के गांव कोठलिया के रहने वाले रंजीत के कंकॉल का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। रंजीत ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित न्यू हैबतपुर गांव में रह रहा था। उसका मिलान रंजीत के भाई गुड्डू से कराया जाएगा। पुलिस केस में फोरेंसिक जांच का भी सहारा ले रही है, जिससे कि आरोपितों को सख्त सजा दिलाई जा सके।
भाई ने बताई चौकी के चक्कर लगाने की कहानी / Brother told the story of circling the outpost
रंजीत के भाई गुड्डू ने बताया कि भाई के लापता होने के बाद उन्होंने स्थानीय चौकी के कई चक्कर लगाए। चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने मामले को थाने तक नहीं पहुंचने दिया। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने के लिए कई महीने तक टरकाया। बाद में गुमशुदगी व एससी-एसटी एक्ट की धारा के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई जिसमें अब हत्या व साक्ष्य मिटाने की धारा जुड़ गई है।
पिता की मौत की बताई झूठी कहानी / False story told of father's death
कंकॉल मिलने के बाद पुलिस ने जब प्रेमिका नेहा से पूछा कि रंजीत की अंतिम बात उससे हुई थी। नेहा ने चालाकी से कहा कि बात होने के बाद रंजीत घर आया। खाना खाते दौरान अचानक कहा कि पिता की मौत हो गई, इसलिए वह गांव जा रहा है। यह कहकर आरोपित कई दिनों तक पुलिस को गुमराह करती रही।
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